आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा । तन नहीं ताके रहे कलेशा ॥ ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं । महाबीर बिक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।। त्राहि त्राहि मैं https://shivchalisas.com
5 Essential Elements For Shiv chalisa lyrics in gujarati pdf
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